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मातृत्व देखो न माँ खुद को भूल गई मैं आफताब को अपना बनाऊं में रोको न मुझे छू लूँ आसमां में... मानवता मानवता मर गई मानवता मूल गई #बंद खिड़की खुल गई #तेरे को मेरे को और हवा खामोश हो गई

Hindi दिल को छू गई Stories